मास्टर विजय सिंह ने किया दिल्ली राजघाट पर उपवास

    मास्टर विजय सिंह ने किया दिल्ली राजघाट पर उपवास

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     मुजफ्फरनगर से दिल्ली, राजघाट तक की शांति यात्रा गांधी जी के अहिंसावाद का प्रचार-प्रसार करना हिंसा में सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार का विरोध

    दिल्ली, न्यूज़ मिशन इंडिया: पिछले 24 सालों से भ्रष्टाचार व भूमाफियाओं के खिलाफ धरने पर बैठे मास्टर विजय सिंह 2 अक्टूबर दोपहर 2 बजे वी आई पी कार्यक्रम के बाद दिल्ली स्थित अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी जी की समाधि राजघाट पर उपवास किया। मास्टर विजय सिंह शिव चैक  मुजफ्फरनगर से शामली, बड़ोत बागपत होते हुए राजघाट महात्मा गांधी जी की समाधि पर पहुंच  1 दिन का उपवास किया तथा शामली में बड़ौत बागपत में महापुरुषों में शहीद आंदोलनकारियों के प्रतिमाओं पर  माल्यार्पण कर नमन किया
    देश महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है। महात्मा गांधी के मुख्य मुद्दे जैसे अहिंसात्मक सत्याग्रह ,स्वच्छता अभियान, ग्राम स्वराज, अछूतोद्वार थे जिनसे लोग भटकते जा रहे हैं। आज छोटे-छोटे मामलों को लेकर लोग हिंसक होकर सरकारी सम्पत्तियों में तोड़ फोड कर आगजनी कर रहे हैं। जाम लगा रहे हैं। अभद्र भाषा प्रयोग कर रहे हैं। लोग भ्रष्टाचार कर भूमाफियाओं को संरक्षण दे रहे है तथा सार्वजनिक सम्पत्ति को कब्जा रहे हैं। यह सब महात्मा गांधी के सिद्वान्तों के खिलाफ है। जिससे लोग अपनी और राष्ट की हानि कर रहे हैं। हम महात्मा गांधी जी के बताए गए सिद्वान्तों को अपनाए और अपने मुद्दे अहिंसात्मक ढंग से लडाई लडें। क्योंकि हिंसा से कोई लडाई नहीं जीती जा सकती। हिंसा से हर आन्दोलन का अंत हो जाता है। गौरतलब है कि मास्टर विजय सिंह पिछले 24 सालों से भ्रष्टाचार व भूमाफियाओं के खिलाफ अहिंसात्मक सत्याग्रह और धरने पर बैठे हैं। उनकी लडाई 24 सालों में अहिंसात्मक रही। 24 साल के दौरान उनके आन्दोलन मेें कोई हिंसा नही हुई। उनका जीवन निर्विवाद है। उनका जीवन गांधीवाद से प्रेरित है और वे गांधी के मार्ग पर ही अग्रसर हैं। 24 सालों से वे बहुत ही शालीनता के साथ यह सत्याग्रह के मार्ग पर चलकर मुजफ्फरनगर में अपना जीवन बिताया। कई बार कचहरी में असामान्य स्थिति होने पर भी उन्होंने कोई प्रतिरोध नहीं किया। भले ही उन्हें कचहरी से धरना हटवाना हो या अस्पताल में उनके साथ हुआ अन्याय हो।

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